Sunday 23 August 2015

Deepak has asked
BS!
I have been सेवक to my parents but they didn't appreciate my services .They even distributed our ancestors property to my younger brothers and sisters who never came to help them in their life time.
I'm very disappointed. 
क्या सेवा का कोई फल नही मिलता?
Answer
Deepak, you must understand the following words
1.असहयोगी
2.सहयोगी
और
3.सेवक
तुम,अपने भाई बहनों की तुलना में,
अपने माता पिता के सुख दुख में अधिक सहयोगी रहे होगे,
परतुं
"सेवक नहीं"।
अपने माता पिता के साथ रहने के कारण, तुम,अपने भाई बहनों की अपेक्षा, माता पिता के सुखों के भी अधिक भागीदार रहे हो।
इसलिए
यह कहना कि
तुम उनके सेवक रहे हो,
ऐसा उचित नहीं है।
**
"सेवा का सुख मिलता है"
और
"सहयोग का पारितोषिक या लाभ मिलता है"
**
स्मरणीय रखने वाली बात है
"सुख और लाभ"
दोनों,साथ साथ नही मिलते"
दीपक
तुम,दोनों हाथ ,लडू चाहते हो।
यह चाहत छोड़ दो।
सेवक का उदाहरण,हनुमान हैं।
सहयोगी का उदाहरण,समाज सेवक हैं।

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