Sunday 23 August 2015

शांत और आनंदित
1
जीवन की दो विपरीत परिस्थितियों का संतुलन बिगड़ जाने से,अशांति का जन्म होता है।
2
जीवन के दो विपरीत परिस्थितियों के संतुलन घटित रहने तक ,जीवन शांत रहता है।
3
शांत होकर,शांत रहने की आकांक्षा को भी त्याग देने से,आनंद का विस्फोट होता है।

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