Thursday 19 March 2015

"विचार का महत्व"

"विचार का महत्व" 

"विचार" ही करते रहे तो निर्णय नहीं होता।

उदाहरण:


सेना में 
DO or DIE की देशना होती है

क्यो?


क्योंकि विचार करते रहने से सैनिक शत्रु की हत्या नहीं कर सकता।

निसप्ति:(conclusion)

निरंतर विचार करते रहने से निर्णय नहीं होता।
          और

यदि बिना विचार के जीवन जीया जाए  तो गलत निर्णय होते हैं।

उदाहरण :

यदि हिरोशिमा पर बम गिराने से पहले सैनिक ने विचार किया होता तो नरसंहार बच जाता।
 
बिना विचार किये चलने से दुर्घटना ही होती है।

तो

विचार निर्णय को रोक कर असहयोगी भी हो सकता है
और सुविचार सहयोगी भी हो सकता है । अब यह कैसे किया जाए
कि सम्यक विचार की दक्षता उपलब्ध हो?

तनिक विचारो भाई?

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