"आदान प्रदान" या "उपयोग"
जीवन "आदान प्रदान" से संबधित होता है।
संबधों में एक दूसरे से आदान- प्रदान होना चाहिए,
एक -दूसरे का "उपयोग" नहीं।
दूसरे का उपयोग ,अपने स्वार्थ के लिए करने से ,संबंधों में मधुरता समाप्त हो जाती है ।
केवल "प्रेम" आधार पर आदान प्रदान संभव है
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